Thursday, August 6, 2015

किसी के लिए मरना आसान है; किसी के लिए जीना बहुत कठिन है।

अभी उस दिन एक युवती मेरे पास आई। वह भारतीय है और एक अमेरिकी लड़के के प्रेम में पड़ गई है। प्रेम होने के बाद दोनों विवाह करने की सोचने लगे। तभी लड़का बीमार पड़ा और पता चला कि उसे ऐसा कैंसर है जिसका कोई इलाज नहीं है। मृत्यु निश्चित थी। वह ज्यादा से ज्यादा दो—चार साल का मेहमान था। तो लड़के ने लड़की को बहुत समझाया कि जब मृत्यु निश्चित है तो वह अपना जीवन नष्ट न करे, विवाह का विचार छोड़ दे। लेकिन लड़के ने मनाने की जितनी कोशिश की - यह है मन का ढंग -उतनी ही लड़की विवाह करने पर तुल गई।

ऐसे मन विरोधों में काम करता है। अगर उस लड़के की जगह मैं होता तो मैं विवाह करने की जिद करता। तब वह लड़की विवाह से भागती; तब वह विवाह असंभव था। तब वह लड़की मुझे कहीं नहीं दिखाई देती। लेकिन प्रेम के कारण, और साथ ही मन की चालों को न समझने की मूर्खता के कारण, लड़के ने लड़की को विवाह के विरुद्ध बहुत समझाया। कोई भी व्यक्ति उसकी जगह होता तो वही करता। और क्योंकि उसने जिद की तो लड़की ने इसको अंतःकरण की बात मान ली; उसने विवाह करने की जिद ठानी।

आखिरकार उनका विवाह हो गया। अब विवाह के बाद वह लड़की सतत मृत्यु से घिरी रहती है। वह दुखी है, वह उस लड़के को प्रेम नहीं कर सकती। किसी के लिए मरना आसान है; किसी के लिए जीना बहुत कठिन है। मरना बहुत आसान है। शहीद होना बड़ी सरल बात है; क्योंकि यह क्षणभर की बात है, इसलिए शहीद होना बहुत सरल है। एक क्षण में तुम शहीद हो जा सकते हो। अगर तुम मुझे प्रेम करते हो और मैं तुमसे कहूं कि इस मकान से कूद जाओ तो तुम कूद जा सकते हो, क्योंकि तुम मुझे प्रेम करते हो। लेकिन अगर मैं कहूं कि ठीक है, अब तीस वर्षों तक ‘ मेरे साथ रहो तो वह बहुत कठिन होगा। बहुत कठिन।

एक क्षण में शहीद हुआ जा सकता है। किसी व्यक्ति या चीज के लिए मर जाना संसार में सबसे सरल काम है; लेकिन किसी के लिए जीना सर्वाधिक कठिन है।

ओशो 

  

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