Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Sunday, July 26, 2015

शब्दों का उपयोग

आदमी अकेला ऐसा प्राणी है जो कि अपने से ही झूठ बोल सकता है और धोखों में जी सकता है। यदि आप हिंदू हैं और उपनिषदों के बारे में सोच रहे हैं, या आप मुसलमान हैं और कुरान के बारे में सोच रहे हैं, अथवा ईसाई हैं और बाइबिल के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको कभी पता ही नहीं चलेगा कि आप कभी सच्चे नहीं हो सकते। किसी को किसी का न होना पड़े, केवल तभी प्रतिसंवेदन सच्चा हो सकता है। जुड़ा होना गड़गड़ी करता है और मस्तिष्क को विकृत कर देता है और ऐसी बातें दिखलाता है, जो कि हैं ही नहीं अथवा मना कर देता है उन्हें जो कि हैं। इसलिए मेरे लिए वह मुसीबत नहीं है। आपके लिए भी मेरा सुझाव है कि जब भी आप कुरान पढ़ रहे हों, या उपनिषद सुन रहें हों, अथवा बाइबिल–तो हिंदू न हों, ईसाई न हों
या मुसलमान बिलकुल न हों। मात्र होना पर्याप्त है। आप गहरे में उतरने में समर्थ हो सकेंगे। मतों के साथ, सिद्धांतों के साथ, आप कभी खुले नहीं रह सकते। और एक बंद दिमाग समझ के धोखे कर सकता है, लेकिन कभी कुछ समझ नहीं सकता। इसलिए मैं किसी का भी नहीं हूं। और यदि मैं इस उपनिषद के प्रति प्रतिसंवेदन करता हूं। वह केवल इसलिए कि मैं इसके प्रेम में पड़ गया हूं। यह जो सब से छोटा उपनिषद है आत्म-पूजा, यह एक बहुत ही अपूर्व घटना है। इसलिए थोड़ा इस अनोखे उपनिषद के बारे में–कि मैंने क्यों इसको विषय रूप में बोलने के लिए चुना है?
प्रथम–यह सब से छोटा है यह बिलकुल बीज की तरह है–प्रबल, विशेष–जिसमें सब कुछ भरा हो। प्रत्येक शब्द एक बीज है, जिसमें कि अनंत संभावनाएं हैं। इसलिए आप अनंतकाल के लिए ध्वनि व प्रतिध्वनि पैदा कर सकते हैं, और जितना आप इसके बारे में सोचते हैं उतना ही आप इसे गहरे में जाने देने में मदद करते हैं, व नए-नए अर्थ इसमें से प्रकट होते हैं। ये जो बीज की तरह शब्द हैं, ये गहरे मौन में पाए जाते हैं। सच ही यह बड़ा अजीब लगता है, परन्तु यह एक तथ्य है। यदि आपके पास बहुत कम कहने के लिए हो, तो ही आप ज्यादा कहेंगे। और यदि आपके पास वास्तव में ही कुछ कहने के लिए है, तो आप उसे कुछ ही पंक्तियों में, कुछ ही शब्दों में–यहां तक कि एक ही शब्द में कह सकते हैं। जितना कम आपको कहना हो, उतने ही अधिक शब्दों का उपयोग आपको करना पड़ेगा। जितना अधिक आपको कहना है, उतने ही कम शब्दों का आपको उपयोग करना होता है।

ओशो 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts