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Sunday, July 26, 2015

प्रेम व मृत्यु

एक सड़क के किनारे बैठ जाऐं, और लोगों की घूमती हुई आंखों की ओर देखें। तब तुम्हें मालूम होता है कि हर एक मनुष्य अपने में बंद है। उसे बिलकुल ही होश नहीं है कि उसके चारों तरफ क्या हो रहा है। कोई अपने से बात कर रहा है, कोई अपने हाथ हिला रहा है, शक्लें बना रहा है, जैसे वह किसी सपने में। हो सकता है। होंठ हिल रहे हैं प्रत्येक अपने भीतर बात कर रहा है। किसी को भी होश नहीं कि बाहर उसके चारों तरफ क्या हो रहा है। सब लोग यंत्रवत चले जा रहे हैं। वे अपने घरों को लौट रहे हैं। उन्हें यह स्मरण रखने की आवश्‍यकता नहीं कि उनके घर कहां हैं। वे यंत्रवत चलते हैं। उनकी टांगें चलती हैं उनके हाथ कार के पहिए को घुमाते हैं, वे अपने घर पहुंच जाते हैं, परन्तु यह सारी प्रक्रिया सोते में हो रही है—एक यांत्रिक क्रिया है रोज की। रास्ते बने हैं और उन रास्तों पर वे चढ़े चले जाते हैं। इसीलिए हम सदैव नये से घबड़ाते हैं, क्योंकि तब हमें नए रास्ते बनाने पड़ते हैं। हम नए से डरते हैं, क्योंकि नए के साथ रोजमर्रा की बात नहीं चलेगी और कुछ समय के लिए हमें सावधान होना पड़ेगा। हम हमेशा ही अपने मृत दैनिक कार्यों में गड़े हुए रहते हैं और एक तरफ से मरे हुए होते हैं। एक सोया हुआ आदमी, वास्तव में, मृत होता है, उसे जीवित नहीं कह सकते।
पूरे जीवन में मात्र कुछ ही क्षणों के लिए हम जागते हैं और वे क्षण गहरे प्रेम के क्षण होते हैं जो कि बहुत ही मुश्‍किल से होता है। यह केवल कुछ ही लोगों को होता है–बहुत ही कम लोगों को। और जब यह होता है, प्रत्येक यह समझेगा कि वह आदमी पागल हो गया है, क्योंकि वह इतना भिन्‍न हो गया होता है—क्योंकि उसने वस्तुओं को दूसरे रंग में देखीं होती हैं, एक भिन्‍न ही संगीत में, एक अलग ही रोशनी में। वह अपने चारों ओर देखता है और एक भिन्‍न ही दुनिया को देखता है। सचमुच ही वह व्यक्ति हमारे लिए पागल हो गया है, इसलिए हम उसे क्षमा कर सकते हैं, क्योंकि वह पागल है। वह एक स्वप्न में है!
वास्तव में, ठीक इसके विपरीत, मामला उल्टा ही है। हम सोए हुए हैं, और एक क्षण के लिए वह एक गहरी वास्तविकता के प्रति जाग गया है। परन्तु वह अकेला है और वह जागरूकता लगातार नहीं रह सकती: क्योंकि वह एक आकस्मिक घटना है। वह उसके प्रयत्न से नहीं हुआ जो कुछ उसने पाया। वह एक अकस्मात घटना है। वह फिर सो जाएगा, और जब वह सो जाएगा, तब वह अनुभव करेगा कि उसे अपने प्रेमी या प्रेयसी द्वारा धोखा हुआ है क्योंकि वह जादू अब वहां नहीं है। वह जादू आया, क्योंकि वह एक नए ही संसार के प्रति जागा। इस संसार में कितने ही संसार हैं। वह अवगत हुआ, और अब फिर से सो गया, इसलिए वह अनुभव करता है कि उसके साथ धोखा हुआ है। हर एक प्रेम करने वाला यह सोचता है कि उसके साथ धोखा हुआ है। किसी ने उसे धोखा नहीं दिया है। केवल एक अचानक जागरण में उसने एक अलग ही संसार के दर्शन कर लिए, एक अलग ही सौंदर्य से भरे, अलग-अलग ध्वनियों से भरे, और अब वह फिर से सौ गया है। वह झलक खो गई और अब ऐसा अनुभव करता है कि उसे धोखा दिया गया। किसी ने उसे धोखा नहीं दिया है। केवल इतना ही हुआ कि अचानक वह जाग गया था।
कोई या तो प्रेम में, अथवा मृत्यु में सजग हो पाता है। आप मृत्यु की मुट्टी में आ गए हैं, तो आप जाग जाएंगे। आकस्मिक दुर्घटनाओं में–कार काबू से बाहर पहाड़ी के नीचे आ रही है–आप जाग जाएंगे क्योंकि अब कोई भविष्य नहीं है और अतीत समाप्त हो गया है। केवल यह वर्तमान क्षण, यह पहाड़ी से नीचे गिरने का क्षण ही सब कुछ है। अब एक अलग ही समय का आयाम खुलता है। आप यहां और अभी में है, पहली बार, क्योंकि कोई भविष्य नहीं है। आप भविष्य के बार में नहीं सोच सकते, अतीत समाप्त हो ही रहा है। इन दोनों के बीच, एक क्षण के लिए, इस संकट में, आप सजग हो गए हैं। इसलिए प्रेम व मृत्यु ही ऐसे क्षण हैं, जब कि हम जागरूक होते हैं, लेकिन वे हमारे हाथ में नहीं हैं।

ओशो 

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