Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Saturday, August 4, 2018

जिंदगी की समस्या, जिंदगी का प्रॉब्लम क्या है? किस बात का उत्तर खोज रहे हैं? कौन सी पहेली को हल करने निकल पड़े हैं? इसके पहले कि कोई पहेली को हल कर पाए, उसे ठीक से जान लेना होगा—प्रश्न क्या है? जिंदगी की समस्या क्या है?


मनुष्य के मन के साथ क्या भूल है? क्या उलझाव, कौन सी पहेली है जो सुलझ नहीं पाती? और इस पहेली को बिना सुलझाए जो जिंदगी में भागदौड़ करने में लग जाता है, वह तो बिलकुल पागल है। जिसने अपने मन की समस्या को, इस उलझाव को, इस रहस्य को नहीं समझ लिया है ठीक से, उसके जीवन की सारी दौड़ व्यर्थ है, निरर्थक है। वह तो बिना समस्या को समझे और समाधान करने को निकल पड़ा है। और जिसने समस्या ही न समझी हो क्या वह समाधान कर सकेगा?


तिब्बत में एक शिक्षक के बाबत बड़ी प्रसिद्धि है, बाद में वह फकीर हो गया। जब वह शिक्षक था विश्वविद्यालय में, तीस वर्षों तक शिक्षक रहा, गणित का शिक्षक था, हर वर्ष जब नये विद्यार्थी आते और उसकी कक्षा शुरू होती, तो तीस वर्ष से निरंतर एक ही सवाल से उसने कक्षा को शुरू किया था, एक ही गणित, एक ही प्रश्न। वह जैसे ही पहले दिन, वर्ष के पहले दिन कक्षा में जाता और नये विद्यार्थियों का स्वागत करता; तख्ते पर जाकर दो अंक लिख देताचार और दोऔर लोगों से पूछता, क्या हल है इसका? कोई लड़का चिल्लाता, छह! लेकिन वह सिर हिला देता। कोई लड़का चिल्लाता, दो! लेकिन वह सिर हिला देता। और तब सारे लड़के चिल्लाते क्योंकि अब तो एक ही और संभावना रह गई थी; जोड़ लिया गया, घटा लिया गया, अब गुणा करना और रह गया थातो सारे लड़के चिल्लाते, आठ! लेकिन वह फिर सिर हिला देता। और तीन ही उत्तर हो सकते थे, चौथा कोई उत्तर न था, तो लड़के चुप रह जाते। और तब वह शिक्षक उनसे कहता, तुमने सबसे बड़ी भूल यही की कि तुमने मुझसे यह नहीं पूछा कि प्रश्न क्या है, और तुम उत्तर देना शुरू कर दिए। मैंने चार लिखा और दो लिखा, यह तो ठीक, लेकिन मैंने प्रश्न कहां बोला था? और तुम उत्तर देना शुरू कर दिए। और वह शिक्षक कहता कि मैं अपने अनुभव से कहता हूं गणित में ही यह भूल नहीं होती, जिंदगी में भी अधिक लोग यही भूल करते हैं। जिंदगी के प्रश्न को नहीं समझ पाते और उत्तर देना शुरू कर देते हैं।



जिंदगी की समस्या, जिंदगी का प्रॉब्लम क्या है? किस बात का उत्तर खोज रहे हैं? कौन सी पहेली को हल करने निकल पड़े हैं? इसके पहले कि कोई पहेली को हल कर पाए, उसे ठीक से जान लेना होगाप्रश्न क्या है? जिंदगी की समस्या क्या है?



मनुष्य की समस्या उसका मन है। और मन की समस्या, कितना ही उसे भरो, न भरना है। मन भर नहीं पाता है। क्या है इसके पीछे? कौन सा गणित है जो हम नहीं समझ पाते और जीवन भर रोते हैं और परेशान होते हैं? कौन सी कुंजी है जो इस जीवन की समस्या को सुलझाकी और हल कर देगी? बिना इसे समझे, चाहे हम मंदिरों में प्रार्थनाएं करें, चाहे मस्जिदों में नमाज पढ़ें, चाहे आकाश की तरफ हाथ उठा कर परमात्मा से आराधना करें, कुछ भी न होगा, कुछ भी न होगा। क्योंकि जो आदमी अभी अपने मन को ही सुलझाने में समर्थ नहीं हो सका, उसकी प्रार्थना का कोई भी मूल्य नहीं हो सकता है। और जो मनुष्य अभी अपने भीतर ही स्पष्ट नहीं हो सका है जीवन की समस्या के प्रति, वह जिन मंदिरों में जाएगा, उसके साथ ही और भी उपद्रव वहां पहुंच जाएंगे। मंदिर से वह तो शांत होकर नहीं लौटेगा, लेकिन मंदिर की शांति को जरूर खंडित कर आएगा। भीतर जो उलझा हुआ है वह जो भी करेगा, कनफ्यूज माइंड जो भी करेगा, उससे जीवन में और कनफ्यूजन, और परेशानी, और उलझाव बढ़ता है। हम एक पागल आदमी से सलाह लेने नहीं जाते, क्योंकि पागल जो भी सलाह देगा वह और भी उपद्रव की हो जाएगी। पागल जो सुलझाव उपस्थित करेगा वह और भी पागलपन का हो जाएगा।

जीवन रहस्य 

ओशो 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts