Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Saturday, July 2, 2016

सोता था बहु जन्म का

सोता था बहु जन्म का, सतगुरु दिया जगाय।
जन दरिया गुर शब्द सौं, सब दुख गए बिलाय।।


कुछ और नहीं किया गुरु ने सोए को जगा दिया; सोए को झकझोर दिया। छिपा तो सबके भीतर वही है; चाहिए कि कोई तुम्हें झकझोर दे। लेकिन तुम तो जाते भी हो मंदिर और मस्जिद, तो सांत्वना की तलाश करने जाते हो, सत्य की तलाश करने नहीं। तुम तो जाते भी हो संतों के पास तो चाहते हो थोड़ीसी मीठी मीठी बातें, कि तुम और सफलता से सपने देख सको। तुम जाते भी हो तो आशीष मांगने जाते हो कि तुम्हारे सपने पूरे हो जाएं। और जो तुम्हें आशीष दे देते होंगे, वे तुम्हें प्रीतिकर भी लगते होंगे और जो तुम्हारी पीठ ठोंक देते होंगे और कहते होंगे; तुम बड़े पुण्यात्मा हो! और कहते होंगे। कि तुमने मंदिर बनाया और धर्म शाला बनाई और तुम कुंभ भी हो आए और हज की यात्रा कर ली, अब और क्या करने को शेष है? परमात्मा तुमसे प्रसन्न है। तुम्हारा निश्चित है।


जो तुमसे ऐसी झूठी बातें, व्यर्थ की बातें कह देते हों, वे तुम्हें प्रीतिकर भी लगते होंगे। झूठ अक्सर मीठे होते हैं। एक तो झूठ हैं, तो अगर कड़वे हों तो कौन स्वीकार करेगा। झूठ पर मिठास चढ़ानी पड़ती है सांत्वना की मिठास। सत्य कड़वे होते हैं, क्योंकि सत्य तुम्हें सांत्वना नहीं देते, बल्कि तुम्हें जगाते हैं। और हो सकता है कि तुम अपनी नींद में बड़े प्यारे सपने देख रहे हो तो जगाने वाला दुश्मन मालूम पड़े।


सदगुरु सदा ही कठोर मालूम पड़ेगा। सदगुरु सदा ही तुम्हारी धारणाओं को तोड़ता मालूम पड़ेगा। सदगुरु सदा ही तुम्हारे मन को अस्तव्यस्त करता मालूम पड़ेगा; तुम्हारी अपेक्षाओं को छिन्न भिन्न करता मालूम पड़ेगा। उसे करना ही होगा।उसकी अनुकंपा है कि करता है, क्योंकि तभी तुम जागोगे। भंग हों तुम्हारे स्वप्न, तो ही तुम जाओगे। नींद प्यारी लगती है, विश्राम मालूम होता है। जो भी जगाएगा वह दुश्मन मालूम होगा। पर बिना जगाए तुम्हें पता भी न चलेगा कि तुम कौन हो और कैसी अपूर्व तुम्हारी संपदा है!

अमी ज़रत बिसगत कँवल 

ओशो 
 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts