Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Showing posts with label मोह का नशा भाग २. Show all posts
Showing posts with label मोह का नशा भाग २. Show all posts

Friday, October 9, 2015

मोह का नशा भाग २


तुम्हारे बिना बताये वह बोलता है.। वह तुम्हें प्रभावित करना चाहता है। ध्यान रखो जब तक तुम दूसरे को प्रभावित करना चाहते हो, तब तक तुम अहंकार से ग्रस्त हो। आत्मा किसी को प्रभावित करना नहीं चाहती। दूसरे को प्रभावित करने में सार भी क्या है! पानी पर बनायी हुई लकीरों जैसा है।

क्या होगा मुझे दस हजार लोग प्रभावित हों कि दस करोड़ लोग प्रभावित हों। इससे होगा क्या? उनको प्रभावित करके मैं क्या पा लूंगा। अज्ञानियों की भीड़ को प्रभावीत करने की इतनी उत्सुकता अज्ञान की खबर देती है। राजनेता दूसरों को प्रभावित करने में उत्सुक होता है समझ में आता है; लेकिन धार्मिक व्यक्ति क्यों दूसरों को प्रभावित करने में उत्सुक होगा?

जब भी तुम दूसरों को प्रभावित करना चाहते हो, तब एक .बात याद रखना कि तुम आत्मस्थ नहीं हो। दूसरे को प्रभावित करने का अर्थ है कि तुम अहंकारस्थित हो। अहंकार दूसरे के प्रभाव को भोजन की तरह उपलब्ध करता है; उसी पर वह जीता है। जितनी आंखें मुझे पहचान लें, उतना मेरा अहंकार बड़ा होता है। अगर सारी दुनिया मुझे पहचान ले, मेरा अहंकार सर्वोत्कृष्ट हो जाता है। कोई मुझे न पहचाने गांव से निकलूं सड़क से गुजरूं, कोई देखे न, कोई रेकगनीशन नहीं, कोई प्रत्यभिज्ञा नहीं; किसी की आंख में झलक न आये, लगे ऐसा जैसा कि मैं हूं ही नहीं बस, वहां अहंकार को चोट है।

अहंकार चाहता है कि दूसरे ध्यान दें। यह बड़े मजे की बात है अहंकार ध्यान नहीं करना चाहता; दूसरे उस पर ध्यान करें.., सारी दुनिया उसकी  तरफ देखे, वह केंद्र हो जाए।

धार्मिक व्यक्ति, दूसरा मेरी तरफ देखे, इसकी फिक्र नहीं करता; मैं अपनी तरफ देखूं क्योंकि अंततः वही मेरे साथ जाएगा। राह तो बच्चों की बात हुई। बच्चे खुश होते हैं कि दूसरे उनकी प्रशंसा करें। सटाफिकेट घर लेकर आते हैं तो नाचते—कूदते आते हैं। लेकिन बुढ़ापे में भी तुम सर्टिफिकेट  मांग रहे हो तब तुमने जिंदगी गंवा दी! सिद्धि की आकांक्षा दूसरे को प्रभावित करने में है। धार्मिक व्यक्ति की वह आकांक्षा नहीं है। वही तो सांसारिक का स्वभाव है।

क्रमशः

शिव सूत्र

ओशो 

Popular Posts