हम जीवन से इसलिए परिचित नहीं हैं कि जीवन
हमेशा वर्तमान में होता है, और हम? हम या तो अतीत में होते हैं या भविष्य
में होते हैं। जीवन हमेशा वर्तमान में है। समय के ये तीन खंड हैं--अतीत है,
जो बीत गया; भविष्य है, जो अभी नहीं आया; और वर्तमान का छोटा सा क्षण
है, जो मौजूद है। वह जो लिविंग प्रेजेंट है, वह जो जीवित वर्तमान का क्षण है, उसमें हम कभी
नहीं होते। वह बहुत छोटा सा क्षण है। इसके पहले कि हम होश में आएं, वह अतीत हो जाएगा। लेकिन हमारा चित्त या तो अतीत में होता है, या तो हम पीछे की बातें सोचते रहते हैं, या हम
आगे की बातें सोचते रहते हैं। इसलिए उससे वंचित रह जाते हैं, जो है, जो इसी क्षण है।
अमृत की दशा
ओशो
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