Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Tuesday, May 2, 2017

तमसो मा ज्योतिर्गमय



मेरे प्रिय आत्मन्!

मैं एक बड़े अंधकार में था, जैसे कि सारी मनुष्यता है, जैसा कि आप हैं, जैसे कि जन्म के साथ प्रत्येक मनुष्य होता है। अंधकार के साथ अंधकार का दुख भी है, पीड़ा भी है, चिंता भी है; अंधकार के साथ भय भी है, मृत्यु भी है, अज्ञान भी है। आदमी अंधकार में पैदा होता है, लेकिन अंधकार में जीने के लिए नहीं और न अंधकार में मरने के लिए। आदमी अंधकार में पैदा होता है लेकिन प्रकाश में जी सकता है; और प्रकाश में मृत्यु को भी उपलब्ध हो सकता है। और बड़े आश्चर्य की बात यह है कि जो प्रकाश में जीता है, वह जानता है कि मृत्यु जैसी कोई घटना ही नहीं है। अंधकार में जो मृत्यु थी, प्रकाश में वही अमृत का द्वार हो जाता है।


मैं भी वैसे ही अंधकार में था; और इसलिए हो सकता है कि मैं जो बातें आपसे करूं, वे आपके काम पड़ जाएं। दुर्भाग्य की बात है कि हमने अपने सारे महापुरुषों को प्रकाश में ही पैदा हुआ मान लिया है। वे जन्म से ही प्रकाश में पैदा होते हैं। और इसीलिए हमारे और उनके बीच कोई भी संबंध नहीं रह जाता है। वे जन्म से ही तीर्थंकर हैं, ईश्वर के अवतार हैं, ईश्वर के पुत्र हैं, या कुछ और हैं। वे जन्म के साथ ही प्रकाश में पैदा होते हैं, और हम जन्म के साथ अंधकार में पैदा होते हैं। हमारे और उनके बीच कोई संबंध नहीं है। 

 
इसलिए दुनिया में महापुरुष बहुत हुए, लेकिन महान मनुष्यता का जन्म नहीं हो सका, और नहीं हो सकेगा। जब तक हम यह स्वीकार न कर लें कि महापुरुष और हमारे बीच भी कोई अंतर्संबंध है। कम से कम जन्म के संबंध में हम समान हैं। बड़ा से बड़ा व्यक्ति भी अंधकार में ही पैदा होता है। और इस कारण उसका बड़प्पन छोटा नहीं हो जाता, बल्कि और बड़ा हो जाता है, क्योंकि वह अंधकार से प्रकाश तक की यात्रा करने में समर्थ है। प्रकाश में ही पैदा होना और प्रकाश में ही जीना कोई बहुत गुण की बात नहीं है। अंधकार में पैदा होना और प्रकाश को उपलब्ध हो जाना; मृत्यु में पैदा होना और अमृत को अनुभव कर लेना; कांटों में पैदा होना और फूलों को पा लेना, जरूर कोई सार्थकता की बात हो सकती है। 

धर्म और आनंद

ओशो

No comments:

Post a Comment

Popular Posts