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Thursday, September 24, 2015

मैं अमीरों का गुरु हूं

प्रश्न—ऐसी एक धारणा है कि आप और आपके धर्मावलंबी बहुत अमीर है। अगर यह सच है तो यह धन कहां से आता है?

उत्‍तर—जो लोग मेरे साथ है वे अमीर है। सच तो यह है कि केवल अमीर, शिक्षित, बुद्धिमान, सुसंस्‍कृत ही समझ सकते है जो मैं कह रहा हूं। भिखारी मेरे पास कभी नहीं आ सकता। निर्धन मेरे पास कभी नहीं आ सकते है। फासला बहुत बड़ा है, उनके और मेरे बीच में। वे मुझे सुन सकते है परंतु समझ नहीं सकते। इसलिए यह स्‍वाभाविक है मैं अमीरों का गुरु हूं।


प्रश्‍न—परंपरागत धारण के अनुसार साधु और धार्मिक नेता जिस प्रकार के तप-संयम की जीवन जीते है क्‍या उसका इसके साथ परस्‍पर विरोध नहीं है?

उत्‍तर—मैं समझता हूं वे सारी परंपराएं बेकार है। इसमें परस्‍पर विरोध का कोई प्रश्‍न ही नहीं है: मैं तो मूलत: उनके खिलाफ हूं। मैं जरा भी उनके साथ सुसंगत नहीं होना चाहता1 मैं अतीत के साथ सारे संबंध तोड़ देना चाहता हूं। उन्‍होंने पहले ही काफी हानि पहुँचाई है।


 
एक सुंदर, खिलती हुई चेतना की मेरी धारणा तप-संयम की नहीं बल्‍कि समृद्धि की है। ऐसा व्‍यक्‍ति संसार में जो भी सुंदर है उसका उपयोग करेगा। महान चित्र, महान संगीत, कविता। मैं उसके विषय में ऐसी कल्‍पना ही नहीं कर सकता कि वह ऑरेगान की तपती हुई घूप में शीर्षासन करके खड़ा हो, उपवास कर रहा हो, धीमे-धीमें अपने आपको नष्‍ट कर रहा हो। मेरी दृष्‍टि में संसार के सारे धर्म अब तक स्‍व या पर पीड़क रहे है। मेरा धर्म पहली बार जीवन स्‍वीकार का धर्म है।

प्रश्‍न—मुझे लगता है कि असल में एक बात लोग आपके बारे में याद करते है जब वे एक प्रकार की बातें पढ़ते है, या जब आपको टेलिविजन पर देखते है कि आप इतनी सारी रोल्स रॉयस के मालिक है। या इतनी सारी रोल्‍स रॉयस रखते है। ऐसा क्‍यों?

उत्‍तर—कतनी?

प्रश्‍न—अस्‍सी?

उत्‍तर—नहीं।

प्रश्‍न—चालीस?

उत्‍तर—नब्‍बे। और वे कोई इतनी ज्‍यादा नहीं है।

प्रश्न—आपको नब्‍बे क्‍यों चाहिए?

उत्‍तर—मुझे तो एक की भी जरूरत नहीं है। और नह ही मैं उनका मालिक हूं। परंतु जो मेरे साथ है वे 365 चाहते है। हर रोज के लिए एक नई कार। और मैं ड्राइव पर सिर्फ एक घंटे के लिए जाता हूं। लेकिन यदि जो मेरे साथ है वे उन्‍हें चाहते है और उन्‍हें ऐसा करने में आनंद आता है तो मैं उनके आनंद को नष्‍ट नहीं करना चाहता हूं। मेरे लिए वह ठीक है।

प्रश्न—क्‍या आप उन्‍हें नहीं कह सकते वे अपना धन किसी और कारण के लिए—रोल्‍स रॉयस छोड़कर दें?

उत्‍तर—और सब धर्म यह कर ही रहे है। उन्‍हें उनका काम करने दें। मुझे अपना काम करने दें। और सारे धर्म गरीबों का ख्‍याल रख रहे है। कम से कम मुझे तो छोड़ो ताकि में अमीरों का ख्‍याल रख सकूँ।

प्रश्‍न–ओशो, जब से आप ऑरेगान आए है, ऐसा भय व्‍यक्‍त किया जा रहा है कि कहीं आपका कम्‍यून दूसरा जोंसटाउन न बन जाएं।

उत्‍तर—वह बिलकुल बेतुकी बात है।

प्रश्‍न–क्‍या आपमें और जोंस में कोई समानताएं है?

उत्‍तर—रिवरेंस जिम जोंस मेरे बीच केवल एक ही बात है, और वह यह कि हम दोनों के बीच पूर्ण विरोध है। वह ईसाई था, और ईसाई कायर है, जोंस टाउन में जो हुआ उसकी जिम्‍मेदारी लेने में वे घबराते है। जीसस से लेकिर इस पोलक पोप तक सभी जोंस टाउन के लिए जिम्‍मेदार है क्‍योंकि ईसाइयत मृतयु मुखी धर्म है। क्रॉस उसका प्रतीक है। मेरे और जिम जोंस के बीच कोई समानता नहीं है। मैं उसके बिलकुल विपरीत हूं।

प्रश्‍न–लोग सोचते है आपके अनुयायियों पर जो आपका अधिकार है……

उत्‍तर—मेरा कोई अधिकार नहीं है। मेरा कोई पद नहीं है। यहां तक कि जो लोग मेरे साथ है उनके नाम तक नहीं जानता।

प्रश्‍न—लेकिन आप उन्‍हें रोज देखते है, जब आप कार में सैर पर निकलते है।

उत्‍तर—हां, मैं उन्‍हें देखता हूं पर मुझे उनके नाम तक पता नहीं है। मैं उनके साथ व्‍यक्‍तिगत तौर पर नहीं मिलता या बात करता। किसी अधिकार की बात कर रहे है? मेरे पास कोई अधिकार नहीं है।

प्रश्‍न–आप देख सकते है आपके प्रति कितने समर्पित है?

उत्‍तर—ये उनका मामला है। मैं उनके समर्पण भाव को अपनी सत्‍ता बनाने के लिये लाभ नहीं उठाता। मैं भी अपने आप को ईश्‍वर का इकलौता पुत्र होने की घोषणा कर सकता था। तब वह सत्‍ता की दौड़ हो सकती थी। लेकिन मैं तो यह कहता हूं कि मैं आप ही की तरह मात्र सक सरल और साधारण व्‍यक्‍ति हूं। और मैं इस बात पर बार-बार जोर देता हूं ताकि जो मेरे साथ है वे इस बात को समझ सकें कि यदि यह अनुभव मुझे हो सकता है तो यह उन्‍हें भी हो सकता है। इसमे कोई विशिष्‍टता नहीं है। यह एक नितांत स्‍वाभाविक और सर्व साधारण बात है।

प्रश्‍न—तो आप रजनीश पुरम और जोंसटाउन में कोई समानता नहीं पाते?

उत्‍तर—जरा भी नहीं, क्‍या आप देख सके है? नहीं, परंतु मैं जोंसटाउन और इस सारे संसार के बीच समानता अवश्‍य देखता हूं?

प्रश्न—यानी क्‍या सारा संसार जोंसटाउन की तरह हो जायेगा?

उत्‍तर—वे कोशिश कर रहे है। उनकी आय का पचहत्‍तर फीसदी से ज्‍यादा अस्‍त्र-शस्‍त्र बनाने में जाता है।/ अणवस्त्र बनाने जाता है। यहां तक कि गरीब देख भी आणविक अस्‍त्र बनाने में लगे हुए है। रेवरंड जिम जोंस के साथ उन सब का पूरा तालमेल है। एक इस कम्‍यून को छोड़कर सारे संसार की उनके साथ समानता है। एक यही वह जगह है जो विनाश के बिलकुल खिलाफ है। हम सृजनात्‍मकता में भरोसा करते है। हम सर्जक में विश्‍वास करते है, हम सृजनात्‍मकता में विश्‍वास करते है।

और जो मेरे साथ है वे सर्जक है। सरकार, राज्‍य, राजनेता, धार्मिक लोग इस सबके द्वारा बताए गए तमाम अवरोधों के बावजूद उन्‍होंने इस रेगिस्‍तान का नक्‍शा बदल दिया है। इन रुकावटों के बावजूद उन्‍होंने इस जगह को एक सुदंर मरूद्यान बना दिया है। अगर वे रुकावटें न डाली जायें तो हम इस जगह को संसार के सुंदरतम स्‍थानों में से एक बना सकते है।
ओशो
दि लास्‍ट टैस्टामैंट

(अमेरिका में तथा विश्‍व भ्रमण के दौरान ओशो ने जगह-जगह विश्‍व के पत्रकारों के साथ वार्तालाप किया। ये सभी वार्तालाप ‘’दि लास्‍ट टैस्टामैंट’’ शीर्षक से उपलब्‍ध है। इसके छह भाग है लेकि अभी केवल एक भाग ही प्रकाशित हुआ है।)

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