Osho Whatsapp Group

To Join Osho Hindi / English Message Group in Whatsapp, Please message on +917069879449 (Whatsapp) #Osho Or follow this link http...

Thursday, April 14, 2016

बुद्धत्व की दशा

मैंने सुना है: मुल्ला नसरुद्दीन अपनी पत्नी को पिछली रात को देखे गये सपने के अनुभव के बारे में बता रहा था ’‘ वह भयानक स्वप्न था। मैं जो के घर में एक जन्मदिवस समारोह में भाग ले रहा था। जो की मां ने तीन फीट ऊंची एक चाकलेट पका कर तैयार की थी, और जब उसने उसे काटकर प्रत्येक व्यक्ति को उसका एक एक टुकड़ा परोसा तो वह इतना बड़ा था कि पेट के नीचे लटक रहा था। तब उसने घर में बनाई कुछ आइसक्रीम निकाली। वह भी उसके पास इतनी अधिक थी कि उसने हममें से प्रत्येक को सूप का कटोरा भर भर कर दी।’’

उसकी पत्नी ने पूछा: ’‘ लेकिन इस सपने में भयानक जैसा क्या है?”

नसरुद्दीन ने उत्तर दिया: ’‘ ओह! मैं उसे चख सकता कि उससे पहले ही मैं जाग गया।’’


अतीत से हम निरंतर जाग रहे हैं। प्रत्येक क्षण जागने का ही क्षण है। लेकिन हम निरंतर भविष्य की नींद में गाफिल हो जाते हैं। इसलिए प्रत्येक क्षण नींद और अंधकार में फिर से ठोकर लगने जैसा है। इसलिए असली योग्यता जागने और सोने के बीच भेद कर पाना है। किसी अन्य दूसरी योग्यता का कोई मूल्य ही नहीं है।

इतने अधिक जागृत बनने का प्रयास करो, कि तुम फिर से गहरी नींद में सो न जाओ। इतने अधिक सजग रहो कि भविष्य को तुम्हें फिर से धोखा देने की स्वीकृति न देनी पड़े, जैसे कि तुम उसे पहले से देते आये हो। जो कुछ अतीत बन चुका है, लेकिन एक बार यदि वह तुम्हारा भविष्य है, तब तुम उससे धोखा खाओगे। अब वह भविष्य अतीत बन चुका है, और अब दूसरा भविष्य आ रहा है। प्रत्येक क्षण भविष्य आ पहुंचता है और भविष्य केवल तुम्हें तभी धोखा दे सकता है, यदि तुम सोये हुए हो। तब फिर वह अतीत हो जायेगा। अब मैं एक बात तुमसे कहना चाहता हूं : यदि तुम सजग बने रहे और तुमने भविष्य को धोखा देने की वर्तमान में अनुमति नहीं दी, तो अतीत विसर्जित हो जाता है। तब उसकी कोई स्मृति भी शेष नहीं रह जाती, और उसका कोई चिन्ह तक नहीं रह जाता। तब कोई भी व्यक्ति कोरी स्लेट की तरह हो जाता है, बिना बादलों के एक आकाश की भांति, एक अरहित ज्योति की भांति।
 
यही है वह बुद्धत्व की दशा इतनी अधिक सजगता कि केवल साक्षी ही सत्य हो और अन्य दूसरी कोई भी चीज न हो, केवल वह सतह पर पानी की लहरों की भांति हो। प्रत्येक चीज बस गुजर रही है, सब कुछ केवल बहा जा रहा है। केवल एक ही चीज रह जाती है, और वह रह जाती है तुम्हारी चेतना और तुम्हारी सजगता।


आनंद योग

ओशो


No comments:

Post a Comment

Popular Posts