शुद्धता का अर्थ होता हैः निर्दोषता। निर्दोषता का अर्थ होता है, एक हिसाब-किताब न रखने वाला चित्त। मेरा मतलब यह है कि कोई आदमी चोर हो। एक निर्दोष आदमी चोर कैसे हो सकता है? यदि वह हिसाब नहीं लगा, सकता, तो फिर वह कैसे चोर हो सकता है? चोर होने के लिए भी हिसाब-किताब की जरूरत पड़ती है। चोर न होने के लिए भी हिसाब लगाने की जरूरत होती है। एक निर्दोष व्यक्ति न तो नैतिक होता है और न अनैतिक। वह तो मात्र निर्दोष होता है। वह निर्दोषता ही शुद्धता है।
आत्मपूजा उपनिषद
ओशो
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