जीसस क्राइस्ट के जीवन में एक उल्लेख है। वे एक गांव से निकले। उन्होंने
एक आदमी को एक छत पर जोर से गालियां बकते, अश्लील बातें बकते हुए देखा। वे
सीढ़ियां चढ़कर उसके पास गए और उन्होंने उससे कहा कि ‘मेरे मित्र, यह तुम
क्या कर रहे हो? और अपने जीवन को इस अश्लील बकवास में क्यों खर्च कर रहे
हो? प्रतीत होता है, तुमने शराब पी ली है।’ उस आदमी ने आंख खोली, उसने ईसा
को पहचाना। उसने उठकर ईसा के हाथ जोड़े। और उसने कहा कि ‘मेरे प्रभु, मैं तो
बिलकुल बीमार था, मैं तो बिलकुल मरणासन्न था। तुमने अपने आशीर्वाद से मुझे
ठीक कर दिया था। क्या तुम भूल गए? और अब मैं परिपूर्ण स्वस्थ हूं, लेकिन
इस स्वास्थ्य का क्या करूं? तो शराब पी लेते हैं।’ ईसा बहुत हैरान हुए।
उसने कहा कि ‘अब मैं परिपूर्ण स्वस्थ हूं। इस स्वास्थ्य का क्या करूं? तो
अब शराब पी लेते हैं। जो बनता है, वह करते हैं।’
ईसा बहुत दुखी नीचे उतरे। वे गांव में अंदर गए, तो एक आदमी को उन्होंने
एक वेश्या के पीछे भागते हुए देखा। तो उन्होंने उसे रोका और उन्होंने कहा
कि ‘मित्र, अपनी आंखों का यह क्या उपयोग कर रहे हो?’ उसने ईसा को पहचाना और
उसने कहा, ‘आप भूल गए? मैं तो अंधा था, आपने हाथ रखकर मेरी आंखें एक दफा
ठीक कर दी थीं। अब इन आंखों का क्या करूं?’
ईसा बहुत दुखी मन उस गांव से वापस लौटते थे। एक आदमी गांव के बाहर छाती
पीटकर रो रहा था। ईसा ने उसके सिर पर हाथ रखा और कहा कि ‘क्यों रो रहे हो?
जीवन में बहुत आनंद है। जीवन रोने के लिए नहीं है।’ उसने ईसा को पहचाना और
उसने कहा, ‘अरे, भूल गए! मैं मर गया था और कब्र में लोग मुझे ले जा रहे थे,
तुमने अपने जादू से मुझे जिंदा कर दिया था। अब इस जीवन का मैं क्या करूं?’
यह कहानी बिलकुल काल्पनिक और झूठी-सी मालूम होती है, लेकिन हम क्या कर
रहे हैं? हम इस जीवन का क्या कर रहे हैं? हमारे पास जीवन में जो भी
शक्तियां मिली हैं, उन सबसे हम स्वयं अपना डिस्ट्रक्शन, उनसे हम स्वयं अपना
विनाश कर रहे हैं।
जीवन के दो ही रास्ते हैं। जो शक्तियां आपके शरीर और मन में हैं, उनका
विनाश कर लें, यही नर्क का रास्ता है। और जो शक्तियां और ऊर्जाएं, जो
एनर्जीज आपके भीतर हैं, उनका सृजनात्मक उपयोग कर लें, यही स्वर्ग का रास्ता
है। सृजन स्वर्ग है और विनाश नर्क है। अपनी शक्तियों का जो सृजनात्मक,
सारी शक्तियों का सृजनात्मक उपयोग कर ले, उसने स्वर्ग की तरफ चरण रखने शुरू
कर दिए। और जो अपनी शक्तियों का विनाशात्मक उपयोग कर ले, वह नर्क की तरफ
जा रहा है। और कोई मतलब नहीं है।
ध्यान सूत्र
ओशो
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