मैंने सुना है, जीसस एक गांव से गुजरते थे। रात थी और मरघट पर एक आदमी
छाती पीट रहा था, चिल्ला रहा था, पत्थरों से अपने शरीर को खरोंच कर
लहूलुहान कर रहा था। तो जीसस ने उस आदमी से जाकर पूछा कि तुम यह क्या कर
रहे हो? उस आदमी ने कहा, जो सारी दुनिया कर रही है वही मैं कर रहा हूं। फिर
वह अपने खरोंचने में लग गया। लहू बह गया है, सिर पीट रहा है, सिर पर घाव
हो गया है। जीसस ने कहा, ऐ पागल, तेरा नाम क्या है? तो उस आदमी ने कहा, माई
नेम इज लीजियन। मेरे नाम हजार हैं। मेरा एक नाम नहीं है। जीसस बार-बार इस
कहानी को कहते थे कि एक आदमी ने मुझसे कहा था कि माई नेम इज लीजियन, मेरे
नाम हजार हैं, एक मेरा नाम नहीं है क्योंकि मैं हजार आदमी हूं। मैं एक आदमी
नहीं हूं।
हमारे नाम भी लीजियन हैं। हमारे भीतर भी हजार आदमी हैं। कोई बचाना चाह
रहा है, कोई मारना चाह रहा है; कोई प्रेम करना चाह रहा है, कोई हत्या करना
चाह रहा है; कोई जीना चाह रहा है, कोई अपनी कब्र का पत्थर बनवा रहा है; कोई
परमात्मा के मंदिर में प्रवेश कर रहा है, हमारे ही भीतर कोई कह रहा है, सब
झूठ है, सब असत्य है, कहीं कोई परमात्मा नहीं है। कोई घंटा बजा रहा है
मंदिर का, और कोई भीतर हंस रहा है कि यह क्या पागलपन कर रहे हो? उस घंटे के
बजाने से कुछ भी नहीं हो सकता है। कोई माला फेर रहा है और हमारे भीतर उसी
वक्त कोई दुकान भी चला रहा है। माई नेम इज लीजियन। उस आदमी ने ठीक कहा कि
मेरे नाम हजार हैं। मैं कौन-सा नाम बताऊं तुम्हें! मैं एक आदमी नहीं हूं,
मैं हजार आदमी हूं।
ये जो हजार आदमी हैं हमारे भीतर, यही हमारी शक्ति का ह्रास है। अगर ये
ही एक आदमी हो जायें तो हमारी शक्ति संरक्षित होती है। टोटल एक्शन, एक करने
की विधि है, समग्र कृत्य। जो भी करें उसके साथ पूरे ही खड़े हो जायें, जो
भी करें उसे पूरा ही कर लें। और जैसे ही उसे पूरा करेंगे वैसे ही आपके भीतर
कोई चीज एकदम इकट्ठी होने लगेगी, संयुक्त होने लगेगी, संश्लिष्ट होने
लगेगी।
गुरजिएफ कहा करता था कि पूर्ण कृत्य, क्रिस्टलाइजेशन है। जब भी कोई
व्यक्ति कोई काम पूरा करता है तो उसके भीतर कोई चीज क्रिस्टलाइज हो जाती
है। कोई चीज इकट्ठी हो जाती है। यह इकट्ठा हो जाना व्यक्तित्व का जन्म है,
आत्मा का जन्म है। इस अर्थ में मैंने कहा है। उसे प्रयोग करें, समझें,
देखें, तो यह बात खयाल में आ सकती है।
ज्यों की त्यों रख दीन्हि चदरिया
ओशो
No comments:
Post a Comment