एक विधि लो और उसके साथ तीन दिन खेलो। अगर तुम्हें उसके साथ निकटता की
अनुभूति हो, अगर उसके साथ तुम थोड़ा स्वस्थ महसूस करो, अगर तुम्हें लगे कि
यह तुम्हारे लिए है तो फिर उसके प्रति गंभीर हो जाओ। तब दूसरी विधियों को
भूल जाओ, उनसे खेलना बंद करो। और अपनी विधि के साथ टिको, कम से कम तीन
महीने टिको। चमत्कार संभव है। बस इतना होना चाहिए कि वह विधि सचमुच
तुम्हारे लिए हो। यदि तुम्हारे लिए नहीं है तो कुछ नहीं होगा। तब उसके साथ
जन्मों जन्मों तक प्रयोग करके भी कुछ नहीं होगा। और अगर विधि तुम्हारे लिए
है तो तीन मिनट काफी हैं।
ये एक सौ बारह विधियां तुम्हारे लिए चमत्कारिक अनुभव बन सकती हैं, या
तुम उन्हें महज सुन सकते हो। यह तुम पर निर्भर है, मैं सभी संभव पहलुओं से
प्रत्येक विधि की व्याख्या करूंगा। अगर तुम उसके साथ कुछ निकटता अनुभव करो
तो तीन दिनों तक उससे खेलो और फिर छोड़ दो। अगर वह तुम्हें जंचे, तुम्हारे
भीतर कोई तार बजा दे तो फिर तीन महीने उसके साथ प्रयोग करो।
जीवन चमत्कार है। अगर हमने उसके रहस्य को नहीं जाना है तो उससे यही
जाहिर होता है कि तुम्हें उसके पास पहुंचने की विधि नहीं मालूम है।
शिव यहां एक सौ बारह विधियां प्रस्तावित कर रहे हैं। इसमें सभी संभव
विधियां सम्मिलित हैं। यदि इनमें से कोई भी तुम्हारे भीतर नहीं ‘जंचती’ है,
कोई भी तुम्हें यह भाव नहीं देती है कि वह तुम्हारे लिए है तो फिर कोई भी
विधि तुम्हारे लिए नहीं बची। इसे ध्यान में रखो। तब अध्यात्म को भूल जाओ और
खुश रहो। वह तब तुम्हारे लिए नहीं है।
लेकिन ये एक सौ बारह विधियां तो समस्त मानव जाति के लिए हैं। और वे उन
सभी युगों के लिए हैं जो गुजर गए हैं और आने वाले हैं। और किसी भी युग में
एक भी ऐसा आदमी नहीं हुआ और न होने वाला ही है, जो कह सके कि ये सभी एक सौ
बारह विधियां मेरे लिए व्यर्थ हैं। असंभव! यह असंभव है!
प्रत्येक ढंग के चित्त के लिए यहां गुंजाइश है। तंत्र में प्रत्येक
किस्म के चित्त के लिए विधि है। कई विधियां हैं जिनके उपयुक्त मनुष्य अभी
उपलब्ध नहीं हैं, वे भविष्य के लिए हैं। और ऐसी विधियां भी हैं जिनके
उपयुक्त लोग रहे नहीं, वे अतीत के लिए हैं। लेकिन डर मत जाना। अनेक विधियां
हैं जो तुम्हारे लिए ही हैं।
तो कल से हम इस यात्रा पर निकलेंगे।
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